हम हैं कुछ अंदर कुछ बाहर दिखाने के लिए
दर्द-ए-दिल भीतर बाहर खुशीे ज़माने के लिए
तूफाँ भी अगर हो दिल में तनहाई की महफिल हो
हम हुए ज़र्द मगर अश्क भी न थे बहाने के लिए ॥
दर्द-ए-दिल भीतर बाहर खुशीे ज़माने के लिए
तूफाँ भी अगर हो दिल में तनहाई की महफिल हो
हम हुए ज़र्द मगर अश्क भी न थे बहाने के लिए ॥
अब आप जान लीजिएगा गज़ल नज़्म शे'र आदि
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